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दलितों, पिछड़ों, वंचितों के मसीहा, संविधान शिल्पी, भारत रत्न डा0 भीमराव अम्बेदकर की जन्म जयंती

ताहिर अली की रिपोर्ट 

गाजियाबाद आज लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में महान अर्थशास्त्री, कानूनविद, मूर्धन्य लेखक, विलक्षण प्रतिभावान, दलितों, पिछड़ों, वंचितों के मसीहा, संविधान शिल्पी, भारत रत्न डा0 भीमराव अम्बेदकर की जन्म जयंती “संविधान सम्मान दिवस” के रूप में संस्था के संस्थापक/


अध्यक्ष शिक्षाविद राम दुलार यादव समाजवादी चिन्तक के नेतृत्व में आयोजित की गयी, कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्या आशा कुमार ने किया, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने, सञ्चालन श्रमिक नेता अनिल कुमार मिश्र  ने किया, कार्यक्रम में शामिल सभी साथियों ने पुष्प अर्पित कर माल्यार्पण कर बाबा साहेब डा0 अम्बेदकर को स्मरण करते हुए उनके

विचार से प्रेरणा ले, उनके कारवां को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया, समारोह को मुख्य अतिथि एस0 एस0 प्रसाद संरक्षक उदयांचल यदुवंश कल्याण समिति, डा0 अशोक, सी0 बी0 मौर्य, राम प्यारे यादव, जगत राज, एच0 एल0 विद्यार्थी, कैलाश चन्द्र, डा0 विशन लाल गौड़ ने भी संबोधित किया, समाज सेविका फूलमती यादव ने 24 पुस्तकें भारत के संविधान की

गणमान्य विद्वानों व अतिथियों को भेंट किया, डा0 अम्बेदकर के सम्मान में रमेश भारती, हुकुम सिंह ने गीत प्रस्तुत किया| “जब तक सूरज चाँद रहेगा, बाबा तेरा नाम रहेगा” के नारों से आकाश गूंज उठा, अंत में सभी को संस्था की ओर से जलपान कराया गया| 

        कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर ने अनुभव के आधार पर सामाजिक क्रान्ति, राजनैतिक भागीदारी की संविधान में व्यवस्था की, उनका मानना था कि सामाजिक समानता के बिना राजनैतिक आजादी अधूरी है, उन्होंने लोगों में शिक्षित बन, समाज की मुख्यधारा में आने के लिए तैयार किया, उनका मानना था कि भारत में गरीबी का मुख्य कारण अज्ञानता, धार्मिक पाखंड, जातिवाद, अशिक्षा, अन्धविश्वास, है, यह तब दूर होगा, जब लोग रुढ़िवाद और कुरीतियों का विरोध कर ज्ञान मार्ग का अनुशरण करेंगे, उन्होंने स्वतंत्रता, समानता, न्याय और बंधुता की व्यवस्था कर समतामूलक समाज बनाने का मार्ग प्रशस्त किया, लेकिन आज आजादी के 75 वर्ष बाद भी हम असमानता, अन्याय, अनाचार, शोषण के शिकार है, आज लोकतंत्र को कमजोर, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार हो रहा है, सत्ता का केन्द्रीकरण,शिक्षा, चिकित्सा का व्यवसायीकरण, इतिहास के महत्वपूर्ण घटनाओं को तोड़-मरोड़ कर लिखने

 की साजिश हो रही है, मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, यदि हमें बाबा साहेब के सपनों का भारत बनाना है तो नीति और नीयत ठीक रखनी होगी, मन में मनुस्मृति, मैदान में संविधान के विचार को तिलांजलि देनी होगी|


        डा0 अशोक ने बाबा साहेब को विश्व का महान विद्वान, महान अर्थशास्त्री बताते हुए कहा कि डा0 अम्बेदकर ने  दलितों, पिछड़ों के लिए ही नहीं हर वर्ग के कल्याण के लिए संविधान में मौलिक अधिकारों की व्यवस्था की, भारत के 15% लोग यह समझते है कि आरक्षण की व्यवस्था संविधान में डा0 अम्बेदकर ने की, लेकिन संविधान सभा में वे सभी बड़े नेता थे जिन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उन्होंने कहा कि देशवासियों को आरक्षण से नहीं, भ्रष्टाचार से नुकसान हो रहा है, जिसके कारण गरीबी और मंहगाई बढ़ रही है, भ्रष्टाचार करने वाले बड़े, बड़े पदों पर बैठे लोग है, लेकिन दोष बाबा साहेब को देते है, उनकी मूर्ति तोड़ते है, इस मानसिकता को बदलना चाहिए, डा0 अम्बेदकर ने कहा है कि “शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पियेगा, वही दहाड़ेगा” यह केवल वंचित समाज के लिए ही नहीं, सर्व समाज के लिए कहा| हम डा0 अम्बेदकर को एक सफल अर्थशास्त्री के रूप में भी स्मरण करते है, जिन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई|

      कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही आशा कुमार पूर्व प्रधानाचार्या ने कहा कि बाबा साहेब डा0 अम्बेदकर ने सभी वर्ग की महिलाओं को समानता और शिक्षा का अधिकार, संपत्ति में बराबर का हक़ दिलाया, परिवार में सम्मानजनक जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त किया, लेकिन महिलाऐं जो रुढ़िवाद और पाखंड के कारण सबसे अधिक प्रताड़ित, अन्याय, अनाचार, शोषण की शिकार थी, आज 21वीं सदी में भी पाखंड, कुरीतियों, नकली कथा वाचकों के कार्यक्रम को सफल बनाने का कार्य कर रही है, हम बहनों से कहना चाहती हूँ कि बाबा साहेब के सन्देश, शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो, अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहो, सदियों से आपके साथ अन्याय हुआ है, वह अज्ञानता के समूलनाश से ही संभव होगा, रुढ़िवाद, कुरीतियों ने ही आप को सदियों से मानसिक गुलाम बनाया  है|

   कार्यक्रम में शामिल रहे,राम दुलार यादव, डा0 विशन लाल गौड़, डा0 अशोक, समाज सेविका फूलमती यादव, आशा कुमार, लज्जा यादव, एच0 एल0 विद्यार्थी, सी0 बी0 मौर्य, एस0 एस0 प्रसाद, कैलाश चन्द्र, अनिल मिश्र, डा0 देवकर्ण चौहान, राम प्यारे यादव, हुकुम सिंह, जगत राज, रमेश भारती आदि|हरिशंकर यादव  (कार्यालय मंत्री)

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