लोक शिक्षण अभियां ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केंद्र एक स्वरूप पार्क जीटी रोड साहिबाबाद के प्रांगण में “अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस” कार्यक्रम का आयोजन
लोक शिक्षण अभियां ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केंद्र एक स्वरूप पार्क जीटी रोड साहिबाबाद के प्रांगण में “अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस” कार्यक्रम का आयोजन समाजवादी चिंतक रामदुलार यादव संस्थापक अध्यक्ष लोक शिक्षण अभियां ट्रस्ट शिक्षा विद के नेतृत्व में आयोजित किया गया| कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर देवकरण चौहान, ने आयोजन इंजीनियर धीरेंद्र यादव ने, संचालन श्रमिक नेता अनिल मिश्रा ने किया| कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लेखक कैलाशचंद उपस्थित रहे| कार्यक्रम में सभी साथियों ने 1886 में शिकागो शहर में मजदूर भाइयों के शोषण के विरुद्ध गोलियों के शिकार श्रमिक साथियों को श्रद्धांजलि दी गई, तथा मजदूर भाइयों के कल्याण, अन्याय और अत्याचार के विरोध में संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति देने वाले देश और विदेश के सभी मजदूर भाइयों को नमन किया गया| भाई हुकुम सिंह ने श्रमिक भाइयों के सम्मान में गीत प्रस्तुत किया| कार्यक्रम को चंद्रबली मौर्य, राम प्यारे यादव ने भी संबोधित किया| राजेंद्र सिंह और सभी साथियों ने जोरदार नारे लगाकर श्रमिक शक्ति का परिचय दिया|
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजवादी चिंतक रामदुलार यादव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा है कि “किसी देश की तरक्की उस देश के किसानों और श्रमिकों के कठिन परिश्रम और त्याग पर निर्भर करती है|” 1923 में पहली बार चेन्नई में साम्यवादियों, समाजवादियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस कार्यक्रम का आयोजन हुआ समाजवादी विचारधारा मजदूरों के हित में लगातार काम करती है और आज भी जोरदार तरीके से उनके हित में लगी हुई है क्योंकि किसी समाज, देश, संस्थान और उद्योग में मेहनतकश कामगारों की अहम भूमिका होती है लेकिन हमें यह कहते हुए कोई संकोच नहीं है की आजादी के 78 वर्ष बाद भी हम उनकी स्थिति में आमूल चूल परिवर्तन नहीं कर पाए, आज स्थिति और भी
भयावह है 44 करोड़ से ज्यादा श्रमिक असंगठित क्षेत्र में है, जिसे सरकारी कोई संरक्षण और लाभ नहीं प्राप्त है, आज सरकारी निकायों में ठेकेदारी प्रथा चल रही है और श्रमिकों का शोषण दिनदहाड़े हो रहा है| हम लगातार मांग करते हैं की इन श्रमिक भाइयों को न्यूनतम वेतन मिलना चाहिए जिससे यह अपने बच्चों को शिक्षा, चिकित्सा, न्याय दिला पाए| मेरा मजदूर साथियों से भी निवेदन है कि जब आप किसी संस्थान में काम करते हैं तो आपकी जाती मजदूर होती है, लेकिन बाहर आते ही आप धार्मिक पाखंड, जातिवाद, क्षेत्रवाद, संप्रदायवाद में फंस जाते हैं| प्रभुतावादी ताकते बखूबी इस बात से परिचित है और आपके संगठन को कमजोर करती रहती हैं, आपकी मांग पूरी नहीं होती है इसलिए सोचिए और समझिए जातिवाद घोर पाखंड से दूर हो समता, समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुता के साथ सभी को मिलाकर यदि काम करेंगे तो निश्चित आपको सफलता मिलेगी और आपकी बात मानी जाएगी|
मुख्य अतिथि लेखक कैलाश चंद्र जी ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूर साथियों को श्रम कानून का लाभ मिलना चाहिए ऐसी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए देश और प्रदेश में रिक्त पड़ी नौकरियों को भरकर श्रमिक भाइयों को लाभान्वित करना चाहिए तभी 1 मजदूर दिवस के आयोजन की सार्थकता होगी, उन्होंने कहा की बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने लगातार मजदूर हित में प्रयास किया, आज मजदूर की हालत चिंता जनक है वह न अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रहा है ना मुख्य धारा में है यह शर्मनाक है आज महंगाई चरम सीमा पर है बेरोजगारी बढ़ रही है अत्याचार अनाचार शोषण का दलित पीड़ित गरीब वर्ग शिकार हो रहा है हमारी सरकार से मांग है कि सामंतवादी ताकतों पर नियंत्रण रखें जिससे समाज में सद्भाव भाईचारा कायम रहे| कार्यक्रम में शामिल रहे रामदुलार यादव, डॉक्टर देवकरण चौहान, अनिल मिश्रा, इंजीनियर धीरेंद्र यादव, कैलाश चंद्र, चंद्रबली मौर्य, हुकुम सिंह, सुलेमान, मोहम्मद यासीन, अमृत लाल चौरसिया, मुनीम यादव, शंभू नाथ जायसवाल, राजेंद्र सिंह, रामप्यारे यादव, चुन्नीलाल चौरसिया, चिंतामणि यादव, वीर सिंह सेन, फूलचंद वर्मा, ताहिर अली, विजय भाटी एडवोकेट, जगत राज शामिल थे|
भवदीय
हरिशंकर यादव
कार्यालय सचिव