लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा, ज्ञानपीठ केंद्र एक स्वरूप पार्क जीटी रोड साहिबाबाद की प्रांगण में करुणा के सागर, सत्य, अहिंसा, प्रेम त्याग के ज्योतिपुंज तथागत बुद्ध का जन्म दिवस समारोह शांति और सहानुभूति दिवस” के रूप में समाजवादी चिंतक शिक्षाविद रामदुलार यादव के
लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा, ज्ञानपीठ केंद्र एक स्वरूप पार्क जीटी रोड साहिबाबाद की प्रांगण में करुणा के सागर, सत्य, अहिंसा, प्रेम त्याग के ज्योतिपुंज तथागत बुद्ध का जन्म दिवस समारोह शांति और सहानुभूति दिवस” के रूप में समाजवादी चिंतक शिक्षाविद रामदुलार यादव के नेतृत्व में
आयोजित किया गया/ कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ विशाल लाल गौड़ ने किया/ मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजेंद्र सिंह यादव रहे, आयोजन समाज सेविका फूलमती यादव ने संचालन श्रमिक नेता अनिल मिश्रा ने किया/ कार्यक्रम को अवधेश कुमार मिश्रा एडवोकेट, रामप्यारे यादव जयनारायण शर्मा, चंद्रावली मौर्य,
पर्यावरण विद् कालीचरण चौधरी, यस यस प्रसाद, कैलाश चंद्र ने भी संबोधित किया/ हुकुम सिंह, राजेंद्र सिंह ने गीत सुनाकर सभी लोगों को आत्म विभोर कर दिया/ समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष वीरेंद्र यादव एडवोकेट के नेतृत्व में भाई, बहनों, ने भगवान बुद्ध के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण किया तथा उनके संदेश को आत्मसात करते हुए जन-जन में प्रचारित और प्रसारित करने का संकल्प लिया/
समारोह को संबोधित करते हुए समाजवादी चिंतक रामदुलार यादव ने कहा की भगवान बुद्ध द्वारा मानवता के कल्याण के लिए दिया गया उपदेश वैज्ञानिक है, और आज भी प्रासंगिक है/ वह अनात्म में दर्शन के ऋषि हैं, जिन्होंने जन-जन को दुखों से मुक्ति के लिए ईमानदारी. नैतिकता, अहिंसा, त्याग और प्रेम का मार्ग दिखाया उन्होंने कहा की आपके दुख दर्द को कोई भी देवता और भगवान नहीं दूर कर सकता स्वयं आपको नैतिक आचरण द्वारा दूसरों को बिना पीड़ा पहुंचाए लालच और इच्छा का समूल नाश करके छुटकारा मिल सकता है उन्होंने कहा की अत दीपों भवः स्वयं ज्ञान की ज्योति जलाकर अज्ञानता को दूर करो, उनके द्वारा बताए गए अष्टांगिक मार्ग किसी जीव को मन वाणी और कर्म से पीड़ा न पहुंचना तथागत बुद्ध को मानवतावादी सर्वश्रेष्ठ दार्शनिक और भगवान बनता है/ विश्व आज भी भगवान बुद्ध के बताएं रास्ते पर चलकर शांति और साहनुभूति का अनुभव कर सकता है श्री यादव ने कहा कि 21वीं शदी
में हम आज तथागत बुद्ध की विचारधारा से भटक गए हैं पूरे विश्व में भौतिक सुख बढ़ रहा है लेकिन अशांति और युद्ध का वातावरण बना हुआ है, हम डर और आतंक के शिकार हैं, देश में अहंकार, नफरत, ईर्ष्या, असहयोग का वातावरण बनाया जा रहा है कुछ लोग निर्लज्जता पूर्वक झूठ और लूट में लगे हुए हैं, भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, 21वीं शदी में जनता में डर का वातावरण बनाया जा रहा है, और लालच देकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर किया जा रहा है गरीब गरीब होता जा रहा है अमीर और बहुत अमीर होता जा रहा है/ असमानता विषमता बढ़ रही है, महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ रही है बेरोजगारी की स्थिति तो यह है की 83% इंजीनियर 50% से ज्यादा एमo बीo एo
और ग्रेजुएट युवाओं का भविष्य अंधकार में है, हम बुद्ध का तो नाम लेते हैं लेकिन आचरण भगवान बुद्ध के सिद्धांतों के विपरीत करते हैं, जिससे सामाजिक, आर्थिक शैक्षणिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक विषमता बढ़ती जा रही है, आज भगवान बुद्ध के सिद्धांत की देश को और विश्व को अति आवश्यकता है, यदि भगवान बुद्ध के सपनों का विश्व बनाना है तो शांति – सहानुभूति पूर्वक लोगों में सद्भाव, भाई चारा, प्रेम और सहयोग की भावना को ईमानदारी पूर्वक स्थापित करना होगा/
लोगों के रोजमर्रा के कष्ट को दूर करने पर ध्यान देना होगा/ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजेंद्र सिंह यादव ने तथागत बुद्ध के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बुद्ध पूर्णिमा का महत्व तथागत बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, इसी दिन भगवान बुद्ध ने जन कल्याण और ज्ञान की खोज में 29 वर्ष की उम्र में राजमहल छोड़ वन वन विचरण कर रहे थे, इसी दिन बोधगया में उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ और इसी दिन बुद्ध पूर्णिमा को कुशीनगर में महापरिनिर्वाण भी प्राप्त किया भगवान बुद्ध का दर्शन प्रेम और नैतिकता पर आधारित है/ उन्होंने मानवतावादी दर्शन दिया व संपूर्ण जीवन मानव के कल्याण में अर्पण किया/ उनका मानना था की कोई देवी-देवता और भगवान आपका कल्याण नहीं कर सकता स्वयं आपको ईमानदारी से प्रेम पूर्वक दूसरों को सुख पंहुचा कर अंधविश्वास, पाखंड, आडंबर, रूढ़िवाद से मुक्त होकर समतावादी बनना होगा/ आज जो समाज असमानता, अन्याय, अनाचार
और शोषण का शिकार है भगवान बुद्ध के बताएं मार्ग पर चलकर ही इन बुराइयों से मुक्त हो सकता है, कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाग लिया रामदुलार यादव अवधेश कुमार मिश्रा डॉ विशन लाल प्रोफेसर राजेंद्र यादव देवकरण चौहान कैलाश चंद्र, शाहनवाज हुसैन, चंद्रबली मौर्य, फूलमती यादव, शैलजा शर्मा, लज्जा यादव, अमृतलाल चौरसिया, शंभू नाथ, जायसवाल, सम्राट सिंह, कालीचरण, अर्जुन सिंह यादव, शिव दरस यादव, शिव शंकर, चिंतामणि यादव, शिव मुनि, इंजीनियर धीरेंद्र यादव, रविंद्र यादव, अंकुर यादव एडवोकेट, पंचम मौर्य, ब्रह्म प्रकाश, राम यादव, हाजी मोहम्मद सलाम, चक्रधारी दुबे, मुनीम यादव सम्राट सिंह, धर्मेंद्र यादव, ललित, हुकुम सिंह, जितेंद्र यादव, रामनयन आदि सैकड़ो लोग शामिल रहे/
भवदीय
रामदुलार यादव
संस्थापक/अध्यक्ष
लोक शिक्षण
अभियान ट्रस्ट